धुआं-धुआं है जिंदगी
पल-पल में आकर लेते रहती है
जितना दिशा देना चाहो
दिशा बदलते रहती है।।
सुबह से शाम तक ना जाने
कितने रंग दिखाती है
हर रंग का अपना महत्व
पिछले रंगों को बदरंग कर जाती है।।
कितने रंग दिखाती है
हर रंग का अपना महत्व
पिछले रंगों को बदरंग कर जाती है।।
किस करवट बैठेगी जिंदगी
जानना क्या जरूरी है
बदलाव में ही तो मजा है
स्थायित्व में तो सजा है।।
जानना क्या जरूरी है
बदलाव में ही तो मजा है
स्थायित्व में तो सजा है।।
महीनों घरों में कैद
रोड पर निकलने को जी मचलता है
कोई हजारों किलोमीटर चल
घर तक पहुंचने की जिद करता है।।
रोड पर निकलने को जी मचलता है
कोई हजारों किलोमीटर चल
घर तक पहुंचने की जिद करता है।।
यही तो है जिंदगी
है तो क्या बुरा है
शरीर स्थूल है
मन बदलते रहता है।।
है तो क्या बुरा है
शरीर स्थूल है
मन बदलते रहता है।।
सोचा जिंदगी को तराशु
लेकिन क्या फायदा
धुआं धुआं है जिंदगी
आकार बदलते रहता है।।
@अजय कुमार सिंह
लेकिन क्या फायदा
धुआं धुआं है जिंदगी
आकार बदलते रहता है।।
@अजय कुमार सिंह
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रहस्य