लक्ष्य

रणविजय

रणविजय हो तुम   क्यों व्यर्थ में डरते हो   यह रण तुम्हारी रचना फिर क्यों नहीं चढ़ …

शिखर

वो हूँ जो पल-पल में जीता हूँ  पल-पल में नष्ट  होता हूँ।। कोई उम्र नहीं मेरी धधकती ज्वाला हूँ ऊर्…

चुनौती

आसान नहीं है कि मैं थक जाऊँगा अखंड ऊर्जा हूँ मैं अकेले ही सारे ग्रह नक्षत्र से टकराऊँगा।। घनघोर…

समुद्र

समुंद्र सामने था प्यासा मैं खड़ा था मुझे झील की तलाश थी नमक बहुत थी जिंदगी में मेरी …

डर के आगे जीत है

कागज का टुकड़ा नहीं जो गल जाऊंगा मिट्टी का ढेर नहीं जो बह जाऊंगा रेत का टिलहा नहीं जो उड़ ज…

टेबल लैंप

सपने सजते हैं सपने बिखरते हैं इस टेबल लैंप के आसपास।। कभी आईएएस कभी डॉक्टर कभी पीओ बना टेबल लैं…

बारिश की एक रात

जब ऊर्जा होती है तो रास्ते की रुकावट भी सहचर बन जाती है  मौत भी जिंदगी के नगमे छेड़ता है घन…

Performance

Action speaks  louder than contemplation Deeds speaks  More than word... Cheating m…

एकलव्य पथ

तू देख मुझको ललकारता है प्रतिउत्तर में मैं दहाड़ता हूं तू मेरे हौसले का इंतिहान लेता है  मैं…

एकलव्य-2

ओ एकलव्य आज फिर आया हूं तुझसे संवाद को  नये शब्द लाया हूं।। तू महाभारत का पात्र आपुन वर्त…

तुम और 10:45 pm

तेरे सिवा कोई काम नहीं बिना तेरे आराम नहीं पढ़ रहा हूं तुमको  Ncert की तरह Civil की तरह Ugc n…

योग

खून खौलने लगे अंग-अंग कराहने लगे रोम-रोम दहाड़ने लगे सांस फूलने लगे आंख उबलने लगे भुजाये फड़…

सोमवार-3

थोड़ा हौसला बढ़ाओ मंजिल आने वाली है थोड़ा प्यास तो बढ़ाओ  पूरा समंदर आगे है ।। क्या न…

1:50 am मंगलवार

क्या कहूं और क्या सुनू सब माया लगता है इधर से देखता हूं तो  कुछ और लगता है उधर से देखता हू…

बस भी कर

यह कैसा सत्य है जो बदलता नहीं कहां है वक़्त ठहरा जो पिघलता नहीं।। जो लकीरें खींची है रि…

दोस्ती

न भाव मिला न भगवान मिला दोनों की तलाश में दर-ब-दर हो गए।। कौन दोस्त है कौन दुश्मन समझना…

मंगलवार

रोज टूटकर बिखरता हूं  फिर खुद को समेटकर  आगे बढ़ता हूं ।। कभी इच्छाओं का मैं शिकार होता हूं …

GPH Mess

मेस में डटे पड़े कुछ यहाँ पड़े कुछ वहाँ पड़े।।  लाइन में है सब खड़े शोधार्थी-विद्यार्थी…

समय

समय की सत्ता हमेशा पुरुषार्थ की मांग करता है ।। दृढ़ इच्छाशक्ति और मजबूत इरादे की मांग …

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