एक बात कहना है तुमसे
कुछ नहीं बस शिकायत है तुमसे
मेरी नजर तुमपर होती है
तुम्हारी नजर काम पर होती है।।
बोलता हूं पास बैठो
जवाब मिलता है
काम बहुत है
चलो दूर हटो।।
अरे कितना काम करोगी
पास बैठो
दो चार अच्छी बातें करो
मेरी थोड़ी तारीफ करो
कुछ शिकायत करो।।
बातों से ही तो बात होती है
थोड़ी तबियत बदलती है
रिश्तों में गर्माहट आता है
माहौल खुशनुमा होता है।।
वैसे भी ठंड बहुत है
काम की ऐसी भी
क्या मजबूरी है
चलो दो कप चाय लाओ
एक कविता हो जाये।।
@अजय
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प्रेम