बस नींद नहीं आती है
यादें इस क़दर मुझे आती है सब कुछ तो ठीक है बस नींद नहीं आती है ।। तारों को देखता रहता हूँ तनहाई…
यादें इस क़दर मुझे आती है सब कुछ तो ठीक है बस नींद नहीं आती है ।। तारों को देखता रहता हूँ तनहाई…
कल तक जो सपने थे आंखों में आज हकीकत लगते हैं दूर था मंजिल जो आज करीब लगता है।। ब…
तेरी तलाश में दर-ब-दर हूं एक एहसास की खातिर बेघर हूं।। खुद से रूठा अपनों से अनजान हूं तेरा दीदार…
मृत्यु क्या है भाषण बहुत सुना है कोई कहता है विचारों का मरना ही मृत्यु है।। कहीं पढ़ा …
धुआं-धुआं है जिंदगी पल-पल में आकर लेते रहती है जितना दिशा देना चाहो दिशा बदलते रहती है।। स…
एक बार ज़ुबा पर एक बात आई होठ थर्रा उठी बात निकल न पाई।। तलाश में जिसकी कटी उम्र मेर…
रात और जंगल के बीच का सफर अजीब सी सिरहन है सामने जंगल की विशालता भय का आवरण है।। ट्रै…
चुनौती है लिखना पिछला ध्वस्त करना नए को रचना ।। शब्द-साधना कर आस-पास फैले बिम्बों का रूपा…
माल गाड़ी सी जिंदगी अपनी खाली-पीली दौड़े जाती है न सवारी का पता न कोई ठिकाना बस बढ़ते जाता है…
भटकता फिरता हूं यहां-वहां खोजता फिरता हूं खुद को जहां-तहां आते-जाते लोगों को देखता हूं सब मे…
पटना हो या कोलकाता रात कहां होती है हम भले ही सो जाए सड़के कहां सोती हैं।। रात के निशाचर…
दहक रही हैं आँखें तरस रहे हैं हम पता नहीं पटना से वर्धा के बीच क्या छोड़ आये हैं हम।। …
सोचता हूं बदल दूं सामने का नजारा सोचता हूं बदल दूं जीव और जगत सारा ।। साथ में यह भी सो…
कहीं दूर जाने का मन करता है जहां न कोई हो सिर्फ तन्हाई का बसेरा हो।। वक्त की पाबंदी ना…
बारिश की रात तन्हाई का शोर बूंदों का चटकना मन का भटकना।। सुबह से ही बरस रहे हैं बादल …
क्या कहूं और क्या सुनू सब माया लगता है इधर से देखता हूं तो कुछ और लगता है उधर से देखता हू…
यह कैसा सत्य है जो बदलता नहीं कहां है वक़्त ठहरा जो पिघलता नहीं।। जो लकीरें खींची है रि…