मृत्यु क्या है
भाषण बहुत सुना है
कोई कहता है
विचारों का मरना ही
मृत्यु है।।
कोई कहता है
विचारों का मरना ही
मृत्यु है।।
कहीं पढ़ा की
शरीर नश्वर है
शरीर की ही
मृत्यु होती है।।
शरीर नश्वर है
शरीर की ही
मृत्यु होती है।।
किसी के अनुसार
सांसो का रुक जाना
ही मृत्यु है।।
सांसो का रुक जाना
ही मृत्यु है।।
आम बोलचाल मैं
प्राण का अंत ही।
मृत्यु है।।
प्राण का अंत ही।
मृत्यु है।।
जो सवाल महत्वपूर्ण है
वह यह है कि
क्या कभी कोई
मरने वाले ने बताया
कि मृत्यु क्या है।।
वह यह है कि
क्या कभी कोई
मरने वाले ने बताया
कि मृत्यु क्या है।।
बताने वाले वह हैं
लिखने वाले वह हैं
भाषण देने वाले वह हैं
जो जिंदा हैं।।
लिखने वाले वह हैं
भाषण देने वाले वह हैं
जो जिंदा हैं।।
मृत्यु से डर लगता है
मृत्यु में बहुत मोह माया है
सब बेकार की बातें हैं
जो मरता है वह बताता नहीं।।
मृत्यु में बहुत मोह माया है
सब बेकार की बातें हैं
जो मरता है वह बताता नहीं।।
जो बताता है
वह मरा नहीं
इसलिए है भाइयों
जीवन ही सत्य है
जीवन से परे कुछ भी नहीं।।
वह मरा नहीं
इसलिए है भाइयों
जीवन ही सत्य है
जीवन से परे कुछ भी नहीं।।
खुल कर जियो
खुलकर हंसो
यही जिंदगी है।।
@अजय कुमार सिंह
खुलकर हंसो
यही जिंदगी है।।
@अजय कुमार सिंह