लाश की महत्वाकांक्षा
कौन कहता है कि लाश की महत्वाकांक्षा नहीं होती।।
जो तुम्हें आज लग रहा प्रश्न है शायद कल न रहे समय के पास सबका उत्तर है।। अंधकार के पास ही प्रका…
योगी हूं मेरे सामने न कोई जवान न कोई बच्चा जीवन-मरण के पार हूं अपार हूं।। पल में बनत…
मृत्यु क्या है भाषण बहुत सुना है कोई कहता है विचारों का मरना ही मृत्यु है।। कहीं पढ़ा …
बांस, बरगद, यूक्लिप्टस खेर, खजूर, अमरूद, आम के फैले पेड़ कहां से यहां आये कोई बताएगा क्या ।…
क्या लिखूं तुम पर शब्द नहीं मिलते है बस तुम्हारे साथ खेलने का मन करता है।। तुमको देखन…
अच्छा हैं तुझ से दूर गया तभी तुम्हारा कद्र समझा दूरी अक्सर रिस्तों की अहमियत ब…
कुछ तो बात है तुममें जो अक्सर भटक कर पहुंच जाता हूं मैं।। कुछ तो बात है तुममें जो खुद क…
पहले पृथ्वी बनाया फिर आकाश बनाया फिर पाताल बनाया उसके बाद दो हाथ दो पैर वाला प्राणी बनाया ।…
महानगरों में लोग तुरंत सब कुछ पाना चाहते हैं तुरंत में सब कुछ होना चाहते हैं।। ऐसा भी कहीं …
मुद्दत बीत गया दिल से हंसे ठीक से याद नहीं पिछली बार कब खुलकर हंसा था।। कौन सी ताकत ह…
पहले बीड़ी जलाई ले जिगर से पिया फिर दमा-दम मस्त कलंदर उसके बाद जिया ए बिहार के लाला तमाम ज…
बाबा बर्फानी टूर एंड ट्रेवल एजेंसी रुद्रा टी स्टॉल महादेव भोजनालय शंकर पान भंडार सोचता था आपके न…
इतनी भी सुंदर छवि ना बना मेरी भगवान नहीं मैं तेरी तरह ही इंसान हूं मैं।। गुस्सा आता है मुझे झूठ …
आग की लपटे अब शांत हो रही थी सुबह होने को आया अंतिम प्रश्न का समय हो आया था भक्त भगवान से पूछता …
आधी रात मणिकर्णिका घाट पर चिलम के नशे में धुत योगी अपने इष्ट देव से संवाद करता है पूछता है उ…
न जन्मा हूं न मरूंगा मैं तो ऊर्जा मात्र हूं समय के साथ रूप बदलता रहता हूं।। कभी मैं बाप …
मौन की गर्जना शांति की अट्टहास चारदीवारी में कैद रूह जंगल में चीत्कार समान है।। शब्द कोने में पड़…