जीवन कुछ नहीं बस योग है

जीवन कुछ नहीं बस योग है 


 
प्रवाह है 

प्राण है 

ऊर्जा है 

जान है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 


क्या तुम 

क्या मैं 

सृष्टि है 

सकल है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 


क्या है 

कुछ नहीं 

अहंकार है 

घमंड है 

ग़ुस्सा प्रचंड है 

यह भी 

योग है 

योग है 

योग है।। 


जीवन है 

संयोग है 

घाव है 

रोग है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 


आरंभ है 

अंत है 

सब शुरू 

सब ख़त्म 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 


आत्मा है 

अनंत है

पर्वत है 

झाड़ है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 


आदमी है 

बंदर है 

सत्ता है 

सामंत है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग हैं 

योग है।। 


समस्या है 

समाधान है 

गणित है 

विज्ञान है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।।

 

नर है 

नारायण है 

गीता है 

क़ुरान है 

कुछ नहीं 

योग है 

योग है 

योग है।। 


मृत्यु है 

आत्मा है 

जल है 

तत्व है  

कुछ नहीं 

योग है 

योग है 

योग है।। 


शून्य है 

संन्यास है 

माया है 

मोह है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 


भोग है 

विलास है

काम है  

क्रोध है 

जीवन प्रपंच है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 


अग्नि है 

तेज़ है 

रात हैं 

विराम है 

कुछ नहीं 

योग है 

योग है 

योग है।।

 

प्रेम है 

संबंध है 

वाणी है 

व्यायाम है 

असफलता है 

परिणाम है 

कुछ नहीं बस 

योग है 

योग है 

योग है।। 

@अजय 

ajaysingh

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