आवारा


 



एक तुम्हारे लिए ही 

सारे जिद्द छोड़ आया हूँ 

देख मेरी नज़रों में झाँककर 

सारे बंधन तोड़ आया हूँ।।


मेरा बस कहाँ है मुझ पर 

हालात कुछ ऐसे हैं 

तुझसे मिलने के ख़ातिर 

दरिया और समंदर तैर कर आया हूँ।। 


अब ले इंतिहा मेरा

कुछ तो दे उम्मीदों को रोशनी 

टूटे हुए दिल के सहारे 

तेरे क़रीब आया हूँ ।।


मुझ पर यक़ीन कर 

थोड़ा एहसान भी 

मेरे हालात कुछ ठीक नहीं 

मुझे आग़ोश में ले 

गहरी नींद में सो जाने दें।।


फर्क नहीं पड़ता 

ज़माना क्या कहता है 

फ़र्क पड़ता है 

तुम्हारे कहने से 

खामोशी तुम्हारी चुभती है 

सुकून मिलता है 

तुम्हारे मुस्कुराने से।। 


तुझसे मिलने से पहले 

आवारा था मैं 

निखर रहा हूँ रोज़ 

मत रोक तू 

ख़ुद को आज़माने से।।

 

प्यार है मेरा सच्चा 

यह मैं जानता हूँ 

डरता नहीं मैं किसी से 

चाहो तो चीख-चीखकर 

बोल दू ज़माने से।। 


हुकुम तुम्हारी तामील होगी 

जो हुआ तभी 

वह हासिल होगी 

देखना चरागाहों में 

कितनी रौशनी होगी  

तेरे एक बार 

बस मान जाने से।।

@अजय 

ajaysingh

cool,calm,good listner,a thinker,a analyst,predictor, orator.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने