प्रेम

प्रेम में पागल 

बन बैठा हूँ 

कुछ तो बात होगी 

तुम में जो अलग है।। 


रात-रात भर जग जागना  

अकेले में हँसना 

बिना वजह ही 

तुम्हारे तस्वीर से बातें करना ।।


साधारण नहीं हैं कहानी मेरी 

किरदार मेरा अलग है 

शब्दों में अभिव्यक्त नहीं होता हूँ  

भाव मेरी और अभिव्यक्ति  है ।।


समझ रहा हूँ अभी में 

जाना है दूर मुझे 

तुम जो साथ चलो मेरे  

फिर तो कोई बात कहाँ।।  


राहें आसान होगी मेरी 

मंजिलों पर मुक़ाम होगा मेरा ।।


समय का तक़ाज़ा है 

बातें बहुत है करने को

मुमकिन है साँसे साथ देगी 

परिस्थितियां आसान होगी 

तुम्हारे होने का एहसास 

मेरे साथ रहेगा ।।

@ अजय 

 

ajaysingh

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