वर्धा से कोलकाता

अपने फ़ोटो का
सब हीरो होता है
जैसे अपनी गली
का गब्बर होना।।
मुश्किल है नए जगह
पर नए लोगों के बीच
अपने अरमां को बसाना।।
उससे भी मुश्किल है
उसे तोड़ कर नए
मंजिलों की और
बढ़ जाना ।।
याद आते है लोग
याद आते है चेहरे
याद आता है याराना
बहुत मुश्किल है
सब पीछे छोड़
आगे बढ़ जाना।।
@अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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