लाश की महत्वाकांक्षा
कौन कहता है कि लाश की महत्वाकांक्षा नहीं होती।।
रणविजय हो तुम क्यों व्यर्थ में डरते हो यह रण तुम्हारी रचना फिर क्यों नहीं चढ़ …
नई चुनौतियों को चूना लगाते हैं बहुत हुआ महत्वकांक्षा वाली बात आज कोने में खटिय…
रात का अंधेरा अगर मेरे लिए है तो सूबह के सवेरा पर भी मेरा अधिकार है।। किसने कहां कि मेरा…