जीवन कुछ नहीं बस योग है
जीवन कुछ नहीं बस योग है
जो तुम्हें आज लग रहा प्रश्न है शायद कल न रहे समय के पास सबका उत्तर है।। अंधकार के पास ही प्रका…
अजीब कश्मोकश है घिरा हुआ हाई द्वंद में इच्छाओं का दमन करूँ की इच्छाओं को जागृत करूँ ।। इसी बिंद…
राह का पत्थर नहीं मेरी अनदेखी करो मेरी सच्चाई जानोगे शीश झुकाओगे जल डालोगे मन्नते हज…
घने पेड़ों के बीच रात बहुत घना है कभी सर-सर कभी खड़-खड़ सन्नाटा चारों तरफ डरना मना है।। अ…
जिसको पहुँचना होता है आप के पास वो कहाँ देखता है आस-पास।। आप के सानिध्य में संसार मिलता है खूब प…
हाय रे योगी नहीं देखा गया तुझसे खुशी मेरी इससे पहले मेरे सपने आकार लेती नींद तोड़ दी मेरी।। …
हम ठहरे महादेव कैलाश पर निवासते है स्वर्ग और नरक की हमें क्या समझ सदा योगहस्थ ही रहते हैं।…
महाकाल की नगरी में सब संभव दिखता है क्या जीवन क्या मृत्यु सब बौना दिखता है।। सौंदर्य के बड़े-…
काशी घाट का किनारा चिलम से उठता धुंआ विचारों की तीव्र टकराहट परा-व्यक्ति संचार आरंभ ।। दिमाग …
बांस, बरगद, यूक्लिप्टस खेर, खजूर, अमरूद, आम के फैले पेड़ कहां से यहां आये कोई बताएगा क्या ।…
तू ब्रह्मांड है मैं विस्तार तेरा तेरा जन्म लेना ही उद्धार मेरा ।। जहां-जहां पैर पड़ते ह…
क्या लिखूं तुम पर शब्द नहीं मिलते है बस तुम्हारे साथ खेलने का मन करता है।। तुमको देखन…
सोचा था कोलकाता पर कुछ लिखने की कोशिश करूँगा पर दिलो-दिमाग में तुम ही तुम छाई हो।। तुम्…
अच्छा हैं तुझ से दूर गया तभी तुम्हारा कद्र समझा दूरी अक्सर रिस्तों की अहमियत ब…
महादेव हूं विष का पान करता हूं महायोगी हूं योग में लीन रहता हूं।। न लाभ की चाहत न हा…
रोज टूटकर बिखरता हूं फिर खुद को समेटकर आगे बढ़ता हूं ।। कभी इच्छाओं का मैं शिकार होता हूं …
कुछ तो बात है तुममें जो अक्सर भटक कर पहुंच जाता हूं मैं।। कुछ तो बात है तुममें जो खुद क…
जब भी टूटता हूं तेरे दर पहुंच जाता हूं तेरे सामने शीश नवा परम सुख पाता हूं।। बहुतेरे …