नव्या-4



अच्छा हैं तुझ से दूर गया
तभी तुम्हारा कद्र समझा
दूरी अक्सर रिस्तों की अहमियत
बताता है पास हो भगवान भी तो
इंसान नज़र आता है।।
तेरी बदमाशियां
मेरे दिल और मोबाइल
में कैद है जिसे मैं देखा करता हूं
तू मुझ से दूर क्यों है
अक्सर भगवान से शिकायत करता हूं।।
शायद इसमें भी
छिपा कोई रहस्य होगा
क्या करूँगा जान कर
रख रे तू भगवान
ख़ुश हूं मैं
आज नव्या से मिलना होगा।।
@अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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