वो मुझे देखती हैं
मैं उन्हें देखता हूं
नज़र से नज़र
टकराती है।।
मैं उन्हें देखता हूं
नज़र से नज़र
टकराती है।।
कान के पीछे
जुल्फों को वो करती हैं
शर्मा कर
नज़र मैं भी चुराता हूं।।
जुल्फों को वो करती हैं
शर्मा कर
नज़र मैं भी चुराता हूं।।
थोड़ी देर बाद दोबारा
यह प्रक्रिया होती है
सहज रहने का देखावा
वो भी करती हैं
मैं भी करता हूं।।
यह प्रक्रिया होती है
सहज रहने का देखावा
वो भी करती हैं
मैं भी करता हूं।।
इस बीच ट्रेन आने
की घोषणा होती है
अपने ट्रेन की ओर
वो बढ़ जाती हैं
अपने ट्रेन की ओर
मैं बढ़ जाता हूं।।
की घोषणा होती है
अपने ट्रेन की ओर
वो बढ़ जाती हैं
अपने ट्रेन की ओर
मैं बढ़ जाता हूं।।
अमूमन प्लेटफार्म
पर ऐसा होता है
समय भी कट जाता है
दिल भी सुकू पता है।।
@अजय कुमार सिंह
पर ऐसा होता है
समय भी कट जाता है
दिल भी सुकू पता है।।
@अजय कुमार सिंह