सफर करो तो
कितने चेहरे याद
आते है पर सब से अलग
बगल वाली का चेहरा है ।।
कितने चेहरे याद
आते है पर सब से अलग
बगल वाली का चेहरा है ।।
क्यों की सब भूत में
और यह वर्तमान में ठहरा है
इस चेहरे को देखते हुए
दूसरे चेहरे ने मेरे चेहरे को
देख लिया ।।
और यह वर्तमान में ठहरा है
इस चेहरे को देखते हुए
दूसरे चेहरे ने मेरे चेहरे को
देख लिया ।।
अपना चेहरा छुपाये
अभी खिड़की से बाहर
खेत-खलियान देख रहा हूं
काश की दूसरा
चेहरा दोबारा मेरे चेहरे को
पहले चेहरे को देखते
न देखे ऐसा सोच रहा हूं।।
अभी खिड़की से बाहर
खेत-खलियान देख रहा हूं
काश की दूसरा
चेहरा दोबारा मेरे चेहरे को
पहले चेहरे को देखते
न देखे ऐसा सोच रहा हूं।।
@अजय कुमार सिंह