न्याय


पहले पृथ्वी बनाया
फिर आकाश बनाया
फिर पाताल बनाया
उसके बाद दो हाथ दो पैर 
वाला प्राणी बनाया ।।

इस बीच और भी
बहुत प्राणियों को बनाया
उसके बाद पाप बनाया
पुण्य बनाया इनसे
जुड़ी समझ बनाई ।।

ठोक दिया दो हाथ दो पैर
वाले प्राणी में बाकी सबको
आराम से जीने का हक दिया
वाह रे वाह न्यायाधीश
माना तेरी न्याय।।

हमने भी बनाया
तुझे आकार दिया
प्रकार दिया, रंग दिया
रूप दिया सबसे बड़ी
बात नाम भी दिया।।

अब तू मुझ में बसा है
या मैं तुझ में बसा हूं
यह रहस्य ही है
जो मैं जानता हूं या
तू जानता है।।
@अजय कुमार सिंह
 

ajaysingh

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