नव्या नहीं😊


कोई आकार है
कोई प्रकार है
कोई नियम है
कोई फार्मूला है
जो कोई बता देगा
सीखना तो खुद से ही पड़ेगा।।
गिरोगे, बजड़ोगे
चोट लगेगी
ठेस पहुंचेगी
दुख होगा
कोई क्या बोलेगा
अरे यही तो रास्ता है
सीखने का
फिर इससे क्यों डरना
इसे क्यों घबराना।।
बेटी नव्या को देखता हूं
यह मत करो
वह मत करो
यहां मत चढ़ो
ऐसे मत चलो
इसे मत छुओ
चुपचाप बैठो
यहां से मत कूदो
खूब मैं रोकता हूं।।
एक वह है
मेरा कुछ नहीं सुनती
जो मन में आता है
करती हैं
हां! जब चोट लगती है
तो थोड़ी देर के लिए
शांत हो जाती है
और फिर?
फिर शुरू हो जाती है।।
फिर मुझे लगता है
ठीक ही तो है
सीखने का आधार तो यही है
खुद से सीखना।।
वरना सोफा का कितना वजन है
कौन बताएगा
बर्तन को फेंकने से कैसे आवाज आती है
यह कैसे पता चलेगा
कुर्सी से गिरने पर
कितना चोट लगता है
भला यह कोई कैसे बता सकता है।।
कभी-कभी लगता है
ज्ञान और अनुभव ने
बचपना छीन लिया
वरना ग्लास फेंकने का मन
तो कई बार करता है।
पर कहां फेंक पाता हूं।।
@अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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