कितना मुश्किल है
रहीसी को बनाये रखना
वही शक्ल सूरत
वही कद काठी
खून का रंग भी वही
फिर भी सबसे खुद को
अलग साबित करना।।
कितना मुश्किल है
सत्तासीन बने रहना
वही डर
वही घबराहट
वही अनिश्चितता
फिर भी सबके सामने
खुद को मसीहा साबित करना।।
अक्सर तुम्हारे आगे
जब भी माथा टेकता हूं
इस तरह के कई प्रश्न
मेरे सामने आते हैं
एक मैं हूं
जो जिज्ञासा से
मरे जा रहा हूं
एक तुम हो
जो समाधि में लीन हो।।
@अजय
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रहस्य