आहिस्ता आहिस्ता


तुमसे तुमको 
चुरा लूंगा 
आहिस्ता आहिस्ता।। 

बस देखते जाओ
क्या-क्या करता हूं 
तुमको अपनी 
आदत लगा दूंगा
आहिस्ता आहिस्ता।। 

यूं ही तुमसे 
बातें होती रही
सफर-दर-सफर
मुलाकात होती रही 
देख लेना 
मेरी मुरीद 
हो जाओगी
आहिस्ता आहिस्ता।।

इश्क है जनाब
असर देर तक रहता है
सच है कि 
इसका नशा चढ़ता है
आहिस्ता आहिस्ता।।
@अजय


ajaysingh

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