सोमवार-3


थोड़ा हौसला बढ़ाओ
मंजिल आने वाली है
थोड़ा प्यास तो बढ़ाओ 
पूरा समंदर आगे है ।।
क्या न-न लगा रखे हो
एक बार हां तो बोलो
जीतने को सारा जहां
अभी तो बाकी है।। 
क्यों इतना गुणा-गणित
कर के फैसले करते हो
मझधार में फंस कर तो देखो
दुआ-सलाम का असर काफी है ।।
ए मेरे हमनवाज़
कभी मुझे याद तो कर लो
पत्थर नहीं तुम
उम्मीद मेरी बाकी है।।
@अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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