जन्मदिन



खुद मैं रहता हूं
खुद से बोलता हूं
खुद के अंदर
खुद को ही ढूंढता हूं।।

पा कर खुद को
संभाले नहीं संभलता हूं
खो कर खुद को
चैन की नींद सोता हूं।।

खुद से ही सवाल करता हूं
खुद को ही जवाब देता हूं
खुद से ही हारता हूं
खुद से ही जीतता हूं।।

खुद के लिए
क्या नहीं करता हूं
भीड़ में भी
खुद के साथ रहता हूं।।

तन्हाई में खुद से
वादे हज़ार करता हूं
खुद से अक्सर
बहाने भी बनाता हूँ।।

खुद की सीमा नहीं
कोई परिभाषा नहीं
दीदार-ए-खुदा में भी
खुद को तलाशता हूं।।

-😊😊 अजय

ajaysingh

cool,calm,good listner,a thinker,a analyst,predictor, orator.

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