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साम, दाम, दंड और भेद
नीति से सत्ता को
साधने को चुनाव ।।
ताल, तिकड़म और जुगाड़
भिड़ा कर सत्ता
पाने के लिए चुनाव ।।
झूठ-सच वायदे
का सहारा लेकर
होता है चुनाव ।।
सत्ता के लिए, सत्ता
के द्वारा, सत्ता का
समीकरण है चुनाव ।।
लोकतंत्र का महापर्व
सत्ता का नवीकरण
जनता का मत है चुनाव।। @ अजय कुमार सिंह