मुख्यपृष्ठनिस्परिणाम देहाती byajaysingh -फ़रवरी 12, 2020 0 जो भूखा है वर्षों सेउससे भूख पर विमर्शहस्यास्पद है।।जो रहा है जंगलों मेंउससे संस्कार की अपेक्षानासमझी है।।जो ठेठ देहाती हैउसके सामने ज्ञान काप्रपंच बेकार है।।जो सभ्यता से कटा हैसभ्य होने की उम्मीद उससेनिस्परिणाम है।।@अजय कुमार सिंह Tags निस्परिणाम प्रपंच संस्कार हस्यास्पद Facebook Twitter