विश्व में हाहाकार है
लोग परेशान है
अनिश्चिता के बादल घने है
सड़कों में मचा कोहराम हैं।।
लोग परेशान है
अनिश्चिता के बादल घने है
सड़कों में मचा कोहराम हैं।।
उम्मीद की सबकों तलाश है
लोग घरों में कैद है
जितनी मुंह उतनी बातें
सत्य पर पर्दा पड़ा हैं।।
लोग घरों में कैद है
जितनी मुंह उतनी बातें
सत्य पर पर्दा पड़ा हैं।।
ऐसे में कौन है
जिसका जीवन पर कब्ज़ा है
मृत्यु पर राज़ है
समस्त शक्तियों पर साम्राज्य हैं।।
जिसका जीवन पर कब्ज़ा है
मृत्यु पर राज़ है
समस्त शक्तियों पर साम्राज्य हैं।।
वहीं है जो इस हालात से
विश्व को निकालेगा
भय का अंत होगा
जीवन का संचार होगा।।
@अजय कुमार सिंह
विश्व को निकालेगा
भय का अंत होगा
जीवन का संचार होगा।।
@अजय कुमार सिंह
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