करोना सोचा घर बैठे
तुम्हारा चरित्र चित्रण करुं
अच्छा नाम सुनकर
यह लगता है
तुम स्त्री हो।।
यह भी लगता है
तुम सामंतवाद से प्रभावित हो
छुआछूत को बढ़ावा देती हो
भेद-भाव को बढ़ाती हो।।
एक दृष्टिकोण से
तुम्हें देखता हूं
तो तुम मुझे
कम्युनिस्ट विचारधारा से
प्रभावित दिखती हो।।
जन्म स्थल तुम्हारी चाइना है।
सर्वहारा वर्ग का
प्रतिनिधित्व करती दिखती हो
पहले पूंजीवादी देशों को
अपने प्रभाव में लिया।।
पूंजीवादी वर्ग को
हवा में उड़ने वाले को
विदेश घूमने वाले को
अपना निशाना बनाया।।
धर्म को भी तुमने नहीं छोड़ा
मंदिर मस्जिद गिरजाघर
सब तूने बंद करवाया।।
अगले दृष्टिकोण से
तुम्हें देखता हूं
तो तुम मुझे तानाशाही दिखती हो
भय और अनिश्चितता का माहौल
बनाते तुम मुझे दिखती हो।।
तुम्हारे खौफ से
लोग घरों में बंद है
सड़के सुनसान हैं।
पार्क वीराना हैं।।
बहराल तुम एक चुनौती हो
तुम्हें रोकना मकसद है
चरित्र तुम्हारी जितनी हो
हमें क्या करना है
बस तुम्हें रोकना है।।
@अजय कुमार सिंह
Tags
शहर