पटना मेरी जान
अभी अभी तो यही था पता नहीं कहा गया शायद किसी तलाश में आगे निकल गया।। कुछ मुद्दें अधू…
अभी अभी तो यही था पता नहीं कहा गया शायद किसी तलाश में आगे निकल गया।। कुछ मुद्दें अधू…
आसान नहीं जो भूल जाओ मुझको सोच समझकर बढ़ो मेरी तरफ़ साधारण नहीं ब्रम्हाण्ड हूँ मैं खो जाओगे तुम …
विश्व में हाहाकार है लोग परेशान है अनिश्चिता के बादल घने है सड़कों में मचा कोहराम हैं।। …
बतरा, मुखर्जी नगर और गांधी विहार से बड़ा हैं दिल्ली।। जेएनयू और नार्थ कैं…
दो महा के बीच अधर में जिंदगी अपनी एक महा में बैठा हूं एक का कोई आता-पता नहीं एक नगरों में …
दहक रही हैं आँखें तरस रहे हैं हम पता नहीं पटना से वर्धा के बीच क्या छोड़ आये हैं हम।। …
शहर लगता कुछ नया सा कुछ तो बदला है जनाब यह चौराहे यह गलियां पूछ रही है मुझसे पहले भी गुजरे …
दौड़ते-भागते आते जाते लोगों को घूरता हूं।। इनके सामने कहां खड़ा हूं यह सोचता हूं।। छो…
शहर नया लोग नए नया तजुर्बा है।। यहां आकर लगता है खुद से दोस्ती हो गई है ।। अकेले हंस…
महानगरों में लोग तुरंत सब कुछ पाना चाहते हैं तुरंत में सब कुछ होना चाहते हैं।। ऐसा भी कहीं …
पहले बीड़ी जलाई ले जिगर से पिया फिर दमा-दम मस्त कलंदर उसके बाद जिया ए बिहार के लाला तमाम ज…
मुनिरका की गलियां तुम्हारी अदाओं के बीच एक समानता है दोनों घुमावदार हैं।। जो अच्छी तो लगती हैं प…
सोचता हूं यह मैट्रो न होता तो क्या होता।। जवाब है इतने चेहरे के बनावट का अंदाज़ न होता।। लेटेस्ट …
तन्हा अकेले अंधेरों में चुप-चाप चला जाता हूं।। न होश न ख़बर अंधेरों का दामन थाम उजालों की उम्मीद …
मैं भीड़ हूं महानगर का हिस्सा समय और परिस्थिति के अनुसार मेरा आकार-प्रकार बदलता रहता है ।। मनुष्…
शहर लगता कुछ नया सा कुछ तो बदला है जनाब यह चौराहे यह गलियां पूछ रही है मुझसे पहले भी गुजरे हैं आ…
दौड़ते-भागते आते जाते लोगों को घूरता हूं।। इनके सामने कहां खड़ा हूं यह सोचता हूं।। छोटे से गांव …