पटना मेरी जान


अभी अभी तो यही था
पता नहीं कहा गया
शायद किसी तलाश में
आगे निकल गया।।

कुछ मुद्दें अधूरे रह गए
कई बातें छोड़ गया
कुछ खास है जो
मुझको मुझसे ले गया।।

मैं तो आगे बढ़ गया
सफर ही पीछे रह गया
करता मैं क्या भला
समय की रथ पर चढ़ गया।।

अब कुछ मत पूछो
क्या नहीं कर गया 
इस गली से उस गली
शहर अपना कर गया।।
@अजय

ajaysingh

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