थका सही
पर हारा नहीं।।
रुका जरूर
पर गिरा नहीं।।
थम गई सांसे
पर मरा नहीं।।
उम्मीदें टूटी
पर हिला नहीं।।
समय ने मारा
पर डगा नहीं।।
परस्थितियों ने पटका
पर टूटा नहीं।।
दरवाजें बंद मिले
पर मुड़ा नहीं।।
सबने धुतकारा
पर रोया नहीं।।
अपनों ने छोड़ा
पर खोया नहीं।।
बैचैनिया हुई
पर घबराया नहीं।।
रातों को जागा
पर थका नहीं।।
साजिशे हुई
पर घिरा नहीं।।
असफलताओं ने रोका
पर रुका नहीं।।
-अजय कुमार सिंह