मुख्यपृष्ठअभिव्यक्ति नज़र byajaysingh -जनवरी 03, 2020 0 इस तरह सेदेखती होहिल जाता हूं मैंनज़रे नस्तर तुम्हारीक़त्ल करती है।। आवारा हूं मैंआशिक क्योंबनाती हो।। आज वर्धाकल पटनाआगे पता नहींकहाँ जाने वाला।। खो गया अगरतुम्हारी नज़रोंमें पता नहीं मैंकब उठने वाला।।@अजय कुमार सिंह Tags अभिव्यक्ति प्रेम शहर Facebook Twitter