प्यार




संभाल के रखा है
तेरी यादों को
कद्र है मुझको इनकी 
जब तलब होती है 
तुम्हें याद कर लेता हूँ।।

आज भी मुझको 
तेरा अहसास 
कल जैसा लगता है 
सालों बिता तुझसे मिले
और बातें किये 
पर जाने क्यों 
तुझसे जुड़ी हर बात 
तारो-ताजा लगता है।।

कंपन होती है 
मेरे अंदर 
तुझे याद कर के
परवाह है मुझे 
तेरे अस्तित्व का 
तेरे पास होने का 
तेरे दूर होने का ।।

प्यार भी अजीब है 
जब मिलता है तो 
कद्र नहीं होती 
जब नहीं रहता तो 
महादेव बन जाती है।।

अब नहीं है मोह 
नहीं कोई माया 
तू पहली और 
अंतिम थी 
जिस पर मेरा 
दिल था आया।।

हालात इंसान का 
इम्तिहान लेता है
 कमबख्त कौन सोच कर 
 प्यार करता है 
 यह तो हो जाता है।।

@अजय  

ajaysingh

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