वर्धा की बारिश-2



कल शाम की गर्म चाय
ऊपर से पकोड़े की ज़ायका
और दोस्तों का साथ 
याद है ।।
माखनलाल के रंगीन किस्से
मित्रों से सुनना साथ में
जोर का ठहाका लगाना
अच्छा है।। 
जब मौसम बारिश का हो
तो तन्हा कमरे में एक पर एक
भावनाएं आकार लेती है
ठीक है ।।
चारों तरफ बारिश है
पता नहीं क्यों मन
अभी भी प्यासा है
नहीं सुधरेगा।।
@अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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