एक दौर ऐसा भी था
जब समय से अपना
दूर-दूर तक कोई
वास्ता न था।।
जब समय से अपना
दूर-दूर तक कोई
वास्ता न था।।
वह अपना काम करता
मैं अपना काम करता था
दिन और तारीख के लिए
कैलेंडर या मोबाइल देखते थे।।
मैं अपना काम करता था
दिन और तारीख के लिए
कैलेंडर या मोबाइल देखते थे।।
समय ऐसा पलटा की
कभी समय से आगे होते है
कभी समय से पीछे
रोज का यही रगड़ा है।।
कभी समय से आगे होते है
कभी समय से पीछे
रोज का यही रगड़ा है।।
दिन और तारीख
को कौन पूछता है
मिनट दर मिनट समय का
अहसास रहता है।।
@अजय कुमार सिंह
को कौन पूछता है
मिनट दर मिनट समय का
अहसास रहता है।।
@अजय कुमार सिंह