Go Air

काशी की चाय
पटना की चाय
कोलकाता की चाय
वर्धा की चाय के बाद
अब प्लेन की चाय।।

वाह-वाह क्या बात हैं
आसमान की ऊंचाई के बीच
बादलों का घरोंदा
मज़बूत इरादें
नए जज़्बात हैं।।

लगता है आज कोई
दूर बादलों से पुकार
रहा है मुझे, रुक कहां
जहां रहा है, रोक रहा है मुझे।।

मैं कहां रुकने वाला
अपने धुन में बढ़ने वाला
क्या रोक सकते हो
बहती हवाओं को
उड़ते बादलों को ।।

अगर नहीं तो फिर
मुझे भी आगे बढ़ना है
थोड़े देर का साथ तुम्हारा
सब छोड़ नई मंजिलों की
तलाश करना है।।
@अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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