फकड़पन



जो बिखर गई है यादें
उन्हें फिर से जोड़ते है
क्या कहते हो
चलो फिर जिंदगी
शुरू करते है।।









जो कहानी छोड़
आये थे पिछली
सफर में उसे अपने
मुकाम तक पहुँचाते है
चलो फिर जिंदगी
शुरू करते है।।





वो दोस्तों के साथ
घण्टो फ़ोन पर बातें
बिना काम के ही
कटती थी घर से बाहर
दिन और रातें
टूटी कड़ियों को जोड़ते है
चलो फिर जिंदगी
शुरू करते हैं।।





अंजान राहों पर भी
बेखौफ बढ़ना
बिना बात के ही
खुल कर हँसना
बात-बात में फकड़पन
का  धौस दिखाना
सिलसिला आरंभ करते है
चलो फिर जिंदगी
शुरू करते है।।
         @अजय कुमार सिंह






ajaysingh

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