दर्द में डूबे हम कराहते रहे आपको
अगर नहीं पता तो हम क्या करें ।।
दर्द इतना होगा पता नहीं था
बेचैनी इतनी होगी खबर नहीं थी।।
करवटो में कटी रात सारी
गर्म सांसों को अपनी गिनते रहें ।।
जिन्हें इत्तेफाक नहीं मुझसे
उन्हें बता कर भी क्या करें।।
-अजय कुमार सिंह