आवारा बादल


तुझे याद करके 
इस तरह बारिश में 
मैं भींगता रहा 
तू मुझे चाहे या ना चाहे
तेरी यादों को ही मैं चूमता रहा।।

कमी क्या थी मुझमे
जो तेरी प्यार का
सहारा ना मिला
अगर जो इश्क खता
तो कर डाली हमने ।।

सजा जो मुकर्रर हो
गवारा मुझे
ए आवारा बादल
क्या तूने पूछा
भींगाने से पहले।।
- अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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