जश्न-ए-जिंदगी

तेरी तलाश में बहुत दूर
निकल आये हम
तुझसे न मिलने की 
कसक छोड़ आये हम।।
राहें और भी हैं
मंज़िलें और भी हैं
बदलतें वक़्त के साथ
हो चले हम।।
मुड़कर देखने की हसरत
न रही हमें
अपनी परछाई को भी
छोड़ चले हम।।
साथ क्या आया
जो साथ जाएगा
जश्न-ए-जिंदगी मनाते
बढ़ चले हम।।
तेरी तलाश में बहुत दूर
निकल आये हम।।
-अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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