रात उतनी ही गहरी है
जितनी भी तुम्हारी आंखें
सवेरा उतना ही ख़ुशनुमा है
जितनी की तुम ।।
अगर मैं बोलूँ तो तुम
किसी मंदिर की घंटी हो
एक बार जो बजती हो
हजार बार सुनाई देती हो।।
रोकना भी चाहूँ
रुकती कहाँ हो
हर दिशा से
बारंबार सुनाई देती हो ।।
तुझे चाहते रहने के
अनगिनत कारण है
बस एक कारण बता हूँ
बहुत ख़ूबसूरत हो तुम।।
झूठ जो बोलूँ
तो ले कोई अग्नि परीक्षा
अगर जो सच हुआ
सिर्फ़ मेरी होगी तुम।।
परवाह नहीं दुनिया की मुझे
कद्र है तुम्हारी भावनाओं की
क्यों की मेरी दुनिया में
सिर्फ़ हो तुम।।
@अजय