इस देश का शासक कौन
वक्त ही बताएगा देखते है
सत्ता के संग्राम को
परिणाम में कौन बदल पाएगा ।।
उर्वर है भारत मां की भूमि
एक से बढ़कर एक सूरमा यहां
है कौन वह जो देश को
मजबूत नेतृत्व दे पाएगा ।।
लोकतंत्र के समर में
युद्ध भीषण होना है
छल कपट का सीना चीर
जनमत जीतकर तिरंगा
लाल किले पर फहराना है ।।
है जो वीर यहां
वहीं झूठ प्रपंच भय भ्रष्टाचार
के चक्रव्यू को भेद पाएगा
टकराएगा देश की नकारात्मकता से
अखंड भारत को पूरे विश्व में
ध्वजवाहक बनाएगा ।।
है कौन भारत मां का वीर सपूत
जो यह कर पाएगा
आने वाला चुनाव परिणाम
इस रहस्य से पर्दा हटाएगा।।
@ अजय कुमार सिंह