प्यार है तुमसे
पूछ लो खुद से
पूछ लो सबसे
पूछ लो मुझसे ।।
प्यार है तुमसे
न जाने कब से
शायद देखा तुमको
तब से या फिर तुमने
मुझे देखा तब से ।।
प्यार है तुमसे
सच बोलता हूं
पूछो रब से, देखो
हां कहने के लिए
खड़ा है कब से ।।
प्यार है तुमसे
कैसे बताऊं
तुम जैसे चाहो,
बोलो तो टंकी पर चढ़कर
तेरा नाम चिलाऊं ।।
प्यार है तुमसे
एक बार जो हां कर दो
तारे तोड़ लाऊं
चांद को चकोर बनाऊं
सूरज को ठंडा कर दूं
पृथ्वी को स्वर्ग में बदलूं
समंदर को मीठा कर दूं।।
प्यार है तुमसे
न मानोगी तो
पर्वत पर चढ़
योगी बन जाऊं ।।
प्यार है तुमसे
पान वाला भी जानता है
चाय वाले से पूछ लो
सब जानते हैं ।।
प्यार है तुमसे
चाहो तो बहती
हवाओं से पुछो
तैरती घटाओं से पूछ लो ।।
प्यार है तुमसे
कब समझोगी
कैसे समझाऊं
केमिस्ट्री का फार्मूला नहीं
मैथ्स का अलजेब्रा नहीं ।।
प्यार है तुमसे
विश्वास है
एक-न-एक दिन
खुद समझ जाओगी।। @अजय कुमार सिंह