थका हुआ हूं बहुत
वजह जानता हूं
मन क्यों नहीं थका
वजह नहीं पता ।।
तभी तो रात 12:00 बजे
कविता में लगा है
कुछ लिखने के खातिर
बैचेन बड़ा है।।
यह शरीर ही है
जो थकता है
वरना मन तो
सोते समय भी
विचरण करता है ।।
मन रोता है हंसता है
मन बोर होता है
मन भाव-विभोर होता है
मन कभी नहीं सोता है ।।
@अजय कुमार सिंह
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जीवन