न चीड़ के पेड़
न देवदार के वृक्ष
फिर भी प्रकृति का
जमघट यहां।।
न देवदार के वृक्ष
फिर भी प्रकृति का
जमघट यहां।।
वर्धा की भूमि
बापू की कर्म स्थली
बहुत खूबसूरत
विश्वविद्यालय परिसर अपना।।
बापू की कर्म स्थली
बहुत खूबसूरत
विश्वविद्यालय परिसर अपना।।
कहीं पहाड़ कहीं ढलान
देते हैं जीवन के संदेश
खुशी और गम आते जाते हैं
किंचित न खोना धैर्य अपना।।
देते हैं जीवन के संदेश
खुशी और गम आते जाते हैं
किंचित न खोना धैर्य अपना।।
छात्र आएंगे जाएंगे
यूं ही खड़ा रहेगा
विश्वविद्यालय अपना
यहां पढ़ना पूरा होना है
जैसे कोई सपना ।।
@अजय कुमार सिंह
यूं ही खड़ा रहेगा
विश्वविद्यालय अपना
यहां पढ़ना पूरा होना है
जैसे कोई सपना ।।
@अजय कुमार सिंह