वीर



शख्सियत अपनी
किसी से कम नहीं
पर समय और परिस्थितियों
ने मुझे बांध रखा है
पर हम कहां मानने वाले।।









वक़्त से लड़ पड़े है
परिस्थिति को चुनौती दे
असफलता के सीने पर
चढ़ पड़े है।।





अब तो मुकाबला
धुंआधार होगा
पटक पटक कर
सब को धोऊंगा ।।





वक़्त को औकात बताऊंगा
परिस्थिति को सबक सिखाऊंगा
असफलता से अ को हटाऊंगा
तब जाकर कलेज ठंडा होगा।।





वीर ठहरा
वीर की ही भाषा बोलूंगा
वीरता से ही
सब का सामना करूंगा।।
            @अजय कुमार सिंह
    






ajaysingh

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