जानने वालों ने
इतना जुल्म किया
कि सब से बेगाना हुए हम
सबका साथ
सबका विकास छोड़।।
अपना साथ
अपना विकास
के लिए आगे बढ़े हम
कुछ ने बेगैरत कहा
कुछ ने बेहया।।
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सबका सुन
मुस्कुराकर
बिना जवाब दिए
खुद को समेटकर
चुपचाप चल दिए हम।।
अकेला था
कुछ कह ना सका
समर्थन सबका
मिल ना सका
अब बिना बहुमत के ही
सरकार बनाने चले हम।।
@अजय कुमार सिंह