जिंदगी बहुत जालिम है साहब
कदम कदम पर इम्तिहान लेती है
जब भी मैंने इसको समझना चाहा
हमेशा मुझको हैरान कर देती है।।

वह जो तार टूटा है अरमानों का
बहुत ही खलल पैदा करता है
ठीक से रात को सोने नहीं देता
दिनभर बेचैन करता है।।
उसकी तलाश में मैं हूं
या मेरी तलाश में वह हैं
क्या है जो इस दास्तान का
अंत होने नहीं देता।।
शायद किसी रोज़ इस
कहानी में खूबसूरत मोड़ आएगा
इस बंजर में भी कभी
कोई झेलम निकल ही आएगा।।
@अजय कुमार सिंह