जिंदगी क्या है
कभी-कभी लगता है
दिन समय तारीखों में ही
शायद कैद है।।
क्या जिंदगी कभी
कैलेंडर से बाहर निकलेगी
लगता है दिन समय और तारीख
के वृत्त में ही जिंदगी
सिसकते हुए दम तोड़ देगी।।
अगर जो ऐसा है तो
हमें भी कोई शिकायत नहीं
आखिरकार यह जिंदगी ने
ही हमें दिन समय और तारीख
से जोड़ कर सफलता के पाठ पढ़ाया है।।
अब जब खुद पर आयी है
तो योगपथ और वामपंथ का मार्ग
याद अभी-अभी आया है
कर ले अपनी मन की जिंदगी
मान की तू अभी बच्चा है
@अजय कुमार सिंह