ए दर्द बता
तू आया कहां से
कल तक तो नहीं था
आज इधर किधर से।।
जिसे खोजता फिरता है
उसका नाम पता तो होगा
कुछ नहीं तो भी सही
कुछ निशा तो होगा।।
हर दर्द का इलाज
मुमकिन हो
जरूरी तो नहीं
हर चाहत
मोहब्बत से मिले
जरूरी तो नहीं।।
जब चाहत की आरजू
इंतिहा पार कर जाती है
तब दर्द ही दवा बन
खुदा बन जाती है।।
@अजय कुमार सिंह