हे मनुष्य
साधारण नहीं है तू
जब संघर्ष सामने हो
तो मिसाल पैदा कर।।
जब सामने अभाव हो
तो भाव पैदा कर
जब अनिश्चितता हो
तो परिणाम पैदा कर।।
जब असफलता
बार-बार मिले तो
असाधारण कार्यक्षमता
अपने अंदर पैदा कर।।
जब कोई न तुम्हारा सुने
तब अट्हास भयानक कर
जब व्यवस्था मृतप्राय हो
तब इंकलाब जोरदार कर।।
जब सब ठीक लगे
तो हुस्न के
आमंत्रण पर
इश्क पैदा कर।।
@अजय कुमार सिंह