एक कप चाय कि
दिल में आस लिए
तेरी और बढ़ा
चला आता हूं।।
तुम मिलो ना मिलो
तुझे याद करके
कई कप चाय
गटक जाता हूं ।।
चाय की हर अदा
निराली है
रंग रूप सुगंध
सब तुझ से जोड़ती है।।
अकेले का चाय
एकात्मवाद तो
समूह का चाय समाजवाद
सिखाता है ।।
देखते हैं आगे
2019 में
चाय और चाय वाला
क्या गुल खिलाता है।।
-अजय कुमार सिंह