सुबह

रात का अंधेरा
सुबह का उजाला
चिड़ियों का चहचहाना
ओस की बूंदें
मन की मस्ती
तन की सुस्ती
भींगी पलकें
हवा के झोके
हरे पत्ते
लाल सूरज
काले बादल
चाय की प्याली
इशारा है
नई सुबह का
उठिए ज़नाब।।।।
- अजय कुमार सिंह

ajaysingh

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