मुख्यपृष्ठprakriti सुबह byajaysingh -जनवरी 03, 2020 0 रात का अंधेरासुबह का उजालाचिड़ियों का चहचहानाओस की बूंदेंमन की मस्तीतन की सुस्तीभींगी पलकेंहवा के झोकेहरे पत्तेलाल सूरजकाले बादलचाय की प्यालीइशारा हैनई सुबह काउठिए ज़नाब।।।। - अजय कुमार सिंह Tags prakriti Facebook Twitter